श्री जानकी स्तोत्रं | Shree Janaki Strotam

श्री जानकी स्तोत्रं | Shree Janaki Strotam जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥1॥ दारिद्र्यरणसंहर्त्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥2॥ भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम् ।पौलस्त्यैश्वर्यसंहत्रीं भक्ताभीष्टां सरस्वतीम् ॥3॥ पतिव्रताधुरीणां…

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श्री गणेश स्तोत्रं । Shree Ganesh Strotam

श्री गणेश स्तोत्रं । Shree Ganesh Strotam प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥1॥ प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥2॥ लंबोदरं पंचम च…

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श्री लक्ष्मी स्तोत्रं । Shree Lakshmi Strotam

श्री लक्ष्मी स्तोत्र । Shree Lakshmi Strot सिंहासनगतः शक्रस्सम्प्राप्य त्रिदिवं पुनः ।देवराज्ये स्थितो देवीं तुष्टावाब्जकरां ततः ॥1॥ ॥ इन्द्र उवाच ॥नमस्ये सर्वलोकानां जननीमब्जसम्भवाम् ।श्रियमुन्निद्रपद्माक्षीं विष्णुवक्षःस्थलस्थिताम् ॥2॥ पद्मालयां पद्मकरां पद्मपत्रनिभेक्षणाम् ।वन्दे…

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सिद्धकुञ्जिका स्तोत्रम् | SiddhaKunjika Stotram

सिद्धकुञ्जिका स्तोत्रम् | SiddhaKunjika Stotram ॥ दुर्गा सप्तशती: सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम् ॥ शिव उवाच:शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ।येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत ॥1॥ न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।न सूक्तं नापि…

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प्रशंसा । Pranshasa

प्रशंसा । Pranshasa शिल्पकार था। वह बहुत सुन्दर मूर्तियां बनाता था।उसे एक ज्योतिषी मिला। उसने शिल्पी से कहा,"बराबर एक महीने बाद इसी तारीख, इसी समय तेरी मृत्यु होगी।"हमें कोइ मौत…

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खन-खन आवाज । Khann-Khann Aawaj

खन-खन आवाज । Khann-Khann Aawaj तीन लडके थे। पिता की सारी सम्पति बाँट ली मकान बाँटे, खेत बाँटे, जमीन जायदाद बाँटी, पैसे बाँटे। पिता रह गया।बड़ा लड़का कहे, "मैं नहीं…

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मेरी यात्रा पूर्ण हुई । Meri Yatra Purn Hui

मेरी यात्रा पूर्ण हुई । Meri Yatra Purn Hui मेरा एक मित्र है, स्नेही है। उसका नाम है बरबाद। जूनागढ रहता है। फ़कीर है। अति गरीब है।एक बार मैंने उससे…

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मन-आत्मा की तकरार । Man-Aatma Ki Takrar

मन-आत्मा की तकरार । Man-Aatma Ki Takrar एक भिखारी रास्ते पर बैठकर भीख माँग रहा था। एक आदमी वहाँ से निकला। भिखारी ने कहा,"मैं बहुत भूखा हूँ। मुझे कुछ दो।"उस…

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श्री हित चौरासी जी | Shree Hit Chaurasi Ji

श्री हित चौरासी जी | Shree Hit Chaurasi Ji जोई जोई प्यारो करे सोई मोहि भावे, भावे मोहि जोई सोई सोई करे प्यारेमोको तो भावती ठौर प्यारे के नैनन में,…

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श्री कृष्ण स्त्रोतं | Shree Krishan Strotam

श्री कृष्ण स्त्रोतं | Shree Krishan Strotam ॥ पार्वत्युवाच ॥ भगवन् श्रोतुमिच्छामि यथा कृष्णः प्रसीदति ।विना जपं विना सेवां विना पूजामपि प्रभो ॥1॥ यथा कृष्णः प्रसन्नः स्यात्तमुपायं वदाधुना ।अन्यथा देवदेवेश…

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श्री कार्तिकेय स्तोत्र | Shree Kartikeya Strotam

श्री कार्तिकेय स्तोत्र | Shree Kartikeya Strotam स्कंद उवाच –योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः।स्कंदः कुमारः सेनानी स्वामी शंकरसंभवः॥1॥ गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः।तारकारिरुमापुत्रः क्रोधारिश्च षडाननः॥2॥ शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः॥3॥ शरजन्मा गणाधीशः पूर्वजो…

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शुक्र स्त्रोत | Shukar Strotam

शुक्र स्त्रोत | Shukar Strotam नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित ।वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम: ॥1॥ देवयानीपितस्तुभ्यं वेदवेदांगपारग: ।परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर: ॥2॥ प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने…

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राहु स्तोत्र | Rahu Strotam

राहु स्तोत्र | Rahu Strotam ाहुर्दानव मन्त्री च सिंहिकाचित्तनन्दनः ।अर्धकायः सदाक्रोधी चन्द्रादित्यविमर्दनः ॥1॥ रौद्रो रुद्रप्रियो दैत्यः स्वर्भानुर्भानुमीतिदः ।ग्रहराजः सुधापायी राकातिथ्यभिलाषुकः ॥2॥ कालदृष्टिः कालरुपः श्रीकष्ठह्रदयाश्रयः ।विधुंतुदः सैंहिकेयो घोररुपो महाबलः ॥3॥ ग्रहपीडाकरो…

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दशरथकृत शनि स्तोत्र | Dashrathkrat Shani Strotam

दशरथकृत शनि स्तोत्र | Dashrathkrat Shani Strotam नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥ नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते॥ नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।नमो…

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बृहस्पति स्त्रोतं | Brihaspati Strotam

बृहस्पति स्त्रोतं | Brihaspati Strotam पीताम्बर: पीतवपु: किरीटी, चतुर्भुजो देवगुरु: प्रशान्त: ।दधाति दण्डं च कमण्डलुं च, तथाक्षसूत्रं वरदोsस्तु मह्यम ॥1॥ नम: सुरेन्द्रवन्द्याय देवाचार्याय ते नम: ।नमस्त्वनन्तसामर्थ्यं देवासिद्धान्तपारग ॥2॥ सदानन्द नमस्तेस्तु…

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बुध स्त्रोतं | Budh Strotam

बुध स्त्रोतं | Budh Strotam पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ॥1॥ प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम ।सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ॥2॥ सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित:…

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गुरु पादुका स्तोत्रम् | Guru Paduka Strotam

गुरु पादुका स्तोत्रम् | Guru Paduka Strotam ॥ श्री गुरु पादुका स्तोत्रम् ॥ अनंत-संसार समुद्र-तार नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम् ।वैराग्य साम्राज्यद पूजनाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥1॥ कवित्व वाराशिनिशाकराभ्यां दौर्भाग्यदावांबुदमालिकाभ्याम् ।दूरिकृतानम्र विपत्ततिभ्यां नमो…

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यज्ञ की पूर्णाहुति । Yagh Ki Purnahuti

यज्ञ की पूर्णाहुति । Yagh Ki Purnahuti महाराज युधिष्ठिर ने एक बार यज्ञ किया। यज्ञ में अन्तिम आहुति अर्पण की तो घंटे की आवाज नहीं हुई। अतः धर्मराज युधिष्ठिर को…

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सद्गृहस्थ | Sadgrahsth

सद्गृहस्थ | Sadgrahsth स्वामी विवेकानंदजी ऐसे ही संत थे, जिन्होंने परदेश की जमीन पर भारतीय संस्कृति का ध्वज लहराया। गुरु की आज्ञा से वे अमेरिका गये। वहाँ उन्हें कोई पहचानता…

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