श्री सरस्वती स्तोत्रं | Shree Saraswati Strotam

श्री सरस्वती स्तोत्रं | Shree Saraswati Strotam या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दितासा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥ आशासु राशीभवदङ्गवल्लीभासैव दासीकृतदुग्धसिन्धुम् ।मन्दस्मितैर्निन्दितशारदेन्दुंवन्देऽरविन्दासनसुन्दरि त्वाम् ॥2॥…

Continue Readingश्री सरस्वती स्तोत्रं | Shree Saraswati Strotam

श्री शालिग्राम स्तोत्रं | Shree Shaligram Strotam

श्री शालिग्राम स्तोत्रं | Shree Shaligram Strotam श्री गणेशाय नमः ।अस्य श्रीशालिग्रामस्तोत्रमन्त्रस्य श्रीभगवान् ऋषिः।,नारायणो देवता।, अनुष्टुप् छन्दः।,श्रीशालिग्रामस्तोत्रमन्त्रजपे विनियोगः ॥ ॥ युधिष्ठिर उवाच ॥ श्रीदेवदेव देवेश देवतार्चनमुत्तमम् ।तत्सर्वं श्रोतुमिच्छामि ब्रूहि मे…

Continue Readingश्री शालिग्राम स्तोत्रं | Shree Shaligram Strotam

श्री राम रक्षा स्तोत्रं | Shree Ram Raksha Strotam

श्री राम रक्षा स्तोत्रं | Shree Ram Raksha Strotam श्रीगणेशायनम: ।अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य ।बुधकौशिक ऋषि: ।श्रीसीतारामचंद्रोदेवता ।अनुष्टुप्‌ छन्द: । सीता शक्ति: ।श्रीमद्‌हनुमान्‌ कीलकम्‌ ।श्रीसीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे जपे विनियोग: ॥ ॥ अथ ध्यानम्‌ ॥…

Continue Readingश्री राम रक्षा स्तोत्रं | Shree Ram Raksha Strotam

श्री तुलसी स्तोत्रं | Shree Tulsi Strotam

श्री तुलसी स्तोत्रं | Shree Tulsi Strotam जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे ।यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः ॥1॥ नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे ।नमो मोक्षप्रदे देवि नमः सम्पत्प्रदायिके ॥2॥ तुलसी पातु मां…

Continue Readingश्री तुलसी स्तोत्रं | Shree Tulsi Strotam

दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra (Hindi)

दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra (Hindi) हे परमेश्वरी मेरे द्वारा रात-दिन बहुत से अपराध होते रहते है। मुझे अपना दास समझकर मेरे उन अपराधों को आप कृपा पूर्वक…

Continue Readingदुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra (Hindi)

दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra

दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि ॥1॥ आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि ॥2॥ मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं…

Continue Readingदुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra

श्री जानकी स्तोत्रं | Shree Janaki Strotam

श्री जानकी स्तोत्रं | Shree Janaki Strotam जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥1॥ दारिद्र्यरणसंहर्त्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥2॥ भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम् ।पौलस्त्यैश्वर्यसंहत्रीं भक्ताभीष्टां सरस्वतीम् ॥3॥ पतिव्रताधुरीणां…

Continue Readingश्री जानकी स्तोत्रं | Shree Janaki Strotam

श्री गणेश स्तोत्रं । Shree Ganesh Strotam

श्री गणेश स्तोत्रं । Shree Ganesh Strotam प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥1॥ प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥2॥ लंबोदरं पंचम च…

Continue Readingश्री गणेश स्तोत्रं । Shree Ganesh Strotam

श्री लक्ष्मी स्तोत्रं । Shree Lakshmi Strotam

श्री लक्ष्मी स्तोत्र । Shree Lakshmi Strot सिंहासनगतः शक्रस्सम्प्राप्य त्रिदिवं पुनः ।देवराज्ये स्थितो देवीं तुष्टावाब्जकरां ततः ॥1॥ ॥ इन्द्र उवाच ॥नमस्ये सर्वलोकानां जननीमब्जसम्भवाम् ।श्रियमुन्निद्रपद्माक्षीं विष्णुवक्षःस्थलस्थिताम् ॥2॥ पद्मालयां पद्मकरां पद्मपत्रनिभेक्षणाम् ।वन्दे…

Continue Readingश्री लक्ष्मी स्तोत्रं । Shree Lakshmi Strotam

प्रशंसा । Pranshasa

प्रशंसा । Pranshasa शिल्पकार था। वह बहुत सुन्दर मूर्तियां बनाता था।उसे एक ज्योतिषी मिला। उसने शिल्पी से कहा,"बराबर एक महीने बाद इसी तारीख, इसी समय तेरी मृत्यु होगी।"हमें कोइ मौत…

Continue Readingप्रशंसा । Pranshasa

खन-खन आवाज । Khann-Khann Aawaj

खन-खन आवाज । Khann-Khann Aawaj तीन लडके थे। पिता की सारी सम्पति बाँट ली मकान बाँटे, खेत बाँटे, जमीन जायदाद बाँटी, पैसे बाँटे। पिता रह गया।बड़ा लड़का कहे, "मैं नहीं…

Continue Readingखन-खन आवाज । Khann-Khann Aawaj

मेरी यात्रा पूर्ण हुई । Meri Yatra Purn Hui

मेरी यात्रा पूर्ण हुई । Meri Yatra Purn Hui मेरा एक मित्र है, स्नेही है। उसका नाम है बरबाद। जूनागढ रहता है। फ़कीर है। अति गरीब है।एक बार मैंने उससे…

Continue Readingमेरी यात्रा पूर्ण हुई । Meri Yatra Purn Hui

मन-आत्मा की तकरार । Man-Aatma Ki Takrar

मन-आत्मा की तकरार । Man-Aatma Ki Takrar एक भिखारी रास्ते पर बैठकर भीख माँग रहा था। एक आदमी वहाँ से निकला। भिखारी ने कहा,"मैं बहुत भूखा हूँ। मुझे कुछ दो।"उस…

Continue Readingमन-आत्मा की तकरार । Man-Aatma Ki Takrar

श्री हित चौरासी जी | Shree Hit Chaurasi Ji

श्री हित चौरासी जी | Shree Hit Chaurasi Ji जोई जोई प्यारो करे सोई मोहि भावे, भावे मोहि जोई सोई सोई करे प्यारेमोको तो भावती ठौर प्यारे के नैनन में,…

Continue Readingश्री हित चौरासी जी | Shree Hit Chaurasi Ji

श्री कृष्ण स्त्रोतं | Shree Krishan Strotam

श्री कृष्ण स्त्रोतं | Shree Krishan Strotam ॥ पार्वत्युवाच ॥ भगवन् श्रोतुमिच्छामि यथा कृष्णः प्रसीदति ।विना जपं विना सेवां विना पूजामपि प्रभो ॥1॥ यथा कृष्णः प्रसन्नः स्यात्तमुपायं वदाधुना ।अन्यथा देवदेवेश…

Continue Readingश्री कृष्ण स्त्रोतं | Shree Krishan Strotam

श्री कार्तिकेय स्तोत्र | Shree Kartikeya Strotam

श्री कार्तिकेय स्तोत्र | Shree Kartikeya Strotam स्कंद उवाच –योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः।स्कंदः कुमारः सेनानी स्वामी शंकरसंभवः॥1॥ गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः।तारकारिरुमापुत्रः क्रोधारिश्च षडाननः॥2॥ शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः॥3॥ शरजन्मा गणाधीशः पूर्वजो…

Continue Readingश्री कार्तिकेय स्तोत्र | Shree Kartikeya Strotam

शुक्र स्त्रोत | Shukar Strotam

शुक्र स्त्रोत | Shukar Strotam नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित ।वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम: ॥1॥ देवयानीपितस्तुभ्यं वेदवेदांगपारग: ।परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर: ॥2॥ प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने…

Continue Readingशुक्र स्त्रोत | Shukar Strotam

राहु स्तोत्र | Rahu Strotam

राहु स्तोत्र | Rahu Strotam ाहुर्दानव मन्त्री च सिंहिकाचित्तनन्दनः ।अर्धकायः सदाक्रोधी चन्द्रादित्यविमर्दनः ॥1॥ रौद्रो रुद्रप्रियो दैत्यः स्वर्भानुर्भानुमीतिदः ।ग्रहराजः सुधापायी राकातिथ्यभिलाषुकः ॥2॥ कालदृष्टिः कालरुपः श्रीकष्ठह्रदयाश्रयः ।विधुंतुदः सैंहिकेयो घोररुपो महाबलः ॥3॥ ग्रहपीडाकरो…

Continue Readingराहु स्तोत्र | Rahu Strotam

दशरथकृत शनि स्तोत्र | Dashrathkrat Shani Strotam

दशरथकृत शनि स्तोत्र | Dashrathkrat Shani Strotam नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥ नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते॥ नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।नमो…

Continue Readingदशरथकृत शनि स्तोत्र | Dashrathkrat Shani Strotam