हनुमान जी आरती | Hanuman Ji Aarti
आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।जाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष जाके निकट न झांके।।अंजनि पुत्र महाबलदायी।संतन के प्रभु सदा सहाई।|आरती कीजै हनुमान लला की।दे बीरा रघुनाथ…
॥ दोहा ॥निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करै सनमान।तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान॥ ॥ चौपाई ॥जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥जन के काज विलम्ब…
सुन्दरकाण्ड | Sunderkand श्रीजानकीवल्लभो विजयते॥ श्रीरामचरितमानस ॥पञ्चम सोपान ॥ सुन्दरकाण्ड ॥ ॥ श्लोक ॥ शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदंब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्।रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिंवन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम् ॥1॥ नान्या स्पृहा रघुपते…
हनुमानाष्टक | Hanumanashtak श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में संकट मोचन हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तों पर आये गंभीर संकट का भी निवारण हो जाता है।…
श्री बजरंग बाण | Shree Banjrag Baan ॥ दोहा ॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमंत संत…
हनुमान जब चले | Hanuman Jab Chale हनुमान जब चले,सुग्रीव बोलेवानरों तत्काल तुम जाओ,श्री जानकी मैया का पता जाके लगाओ,होकर निराश तुम जो मेरे पास आओगे,यह सुन लो कान को…
खुश होंगे हनुमान | Khush Honge Hanuman सुबह शाम आठो याम, यहीं नाम लिए जा,खुश होंगे हनुमान, राम राम किए जा ॥ लिखा था राम नाम वो, पत्थर भी तर…
उठो हे पवनपुत्र हनुमान | Utho He Pawanputar Hanuman उठो हे पवनपुत्र हनुमान,सागर पार जाना है,सागर पार जाना है,बनी श्री राम पे विपदा भारी,लंकपति हर लई जनकदुलारी,तुम विरो में वीर…
छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना | Chham Chham Nache Dekho Veer Hanumana भकत बड़े बलवान तुम्ही हो, सालासर हनुमान तुम्ही हो ।आया हूँ मैं दर पे, तुझको आज पुकारा…
श्री पंचमुखी हनुमान कवच | Shree Panchmukhi Hanuman Kavach अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि।श्रुणु सर्वांगसुंदर ।यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमत्: प्रियम् ॥ 1 पंचकक्त्रं महाभीमं त्रिपंचनयनैर्युतम् ।बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिध्दिदम् ॥ 2 पूर्वतु वानरं वक्त्रं…
हनुमान जी का विवाह | Hanuman Ji Ka Vivah तेलंगाना के खम्मम जिले में हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है जहां हनुमान जी गृहस्थ रूप में अपनी पत्नी सुवर्चला…
प्रनवउ पवनकुमार खल बल पावक ग्यानधन ।जासु ह्रदय आगार बसही राम शर चाप धर ॥ अतुलित बलधामम हेम शैलाभदेहम,दनुज वन कृशानुम ज्ञानिनामग्रगण्याम ।सकल गुणनिधामम वानराणामधीशं,रघुपति प्रियभक्तं वातजातम नमामि ॥ गोष्पदीकृतवारीशम…
॥ दोहा ॥श्री गुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुधि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥ ॥ चौपाई…
आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।जाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष जाके निकट न झांके।।अंजनि पुत्र महाबलदायी।संतन के प्रभु सदा सहाई।|आरती कीजै हनुमान लला की।दे बीरा रघुनाथ…