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पालक राम-बालक कृष्ण । Palak Ram – Balak Krishan

पालक राम-बालक कृष्ण । Palak Ram - Balak Krishan तुलसीजी और सूरदासजी एक बार इकट्ठे हुए। ब्रजभूमि में दोनों सत्संग कर रहे थे। कई लोग एकत्रित हुए थे। एक 'सूरसागर'…

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दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra (Hindi)

दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra (Hindi) हे परमेश्वरी मेरे द्वारा रात-दिन बहुत से अपराध होते रहते है। मुझे अपना दास समझकर मेरे उन अपराधों को आप कृपा पूर्वक…

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दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra

दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि ॥1॥ आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि ॥2॥ मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं…

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श्री हित चौरासी जी | Shree Hit Chaurasi Ji

श्री हित चौरासी जी | Shree Hit Chaurasi Ji जोई जोई प्यारो करे सोई मोहि भावे, भावे मोहि जोई सोई सोई करे प्यारेमोको तो भावती ठौर प्यारे के नैनन में,…

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सद्गृहस्थ | Sadgrahsth

सद्गृहस्थ | Sadgrahsth स्वामी विवेकानंदजी ऐसे ही संत थे, जिन्होंने परदेश की जमीन पर भारतीय संस्कृति का ध्वज लहराया। गुरु की आज्ञा से वे अमेरिका गये। वहाँ उन्हें कोई पहचानता…

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गुप्तदान | Guptdan

गुप्तदान | Guptdan भारत में किसी मन्दिर का जीर्णोद्धार हो रहा था। पचास हजार रुपयों की जरूरत थी। ट्रस्टी गये किसी बडे व्यापारी के पास। वह दानशील है। दस बजे…

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महानवमी व्रत कथा | Mahanavmi Vrat Katha

महानवमी व्रत कथा | Mahanavmi Vrat Katha ब्रह्माजी ने कहा- हे बृहस्पते! प्राणियों के हित की इच्छा से तुमने बहुत अच्छा प्रश्न किया है। जो मनुष्य मनोरथ पूर्ण करने वाली…

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भाद्रपद अमावस्या व्रत कथा | Bhadrapada Amavasya Vrat Katha

भाद्रपद अमावस्या व्रत कथा | Bhadrapada Amavasya Vrat Katha वैसे तो प्रत्येक माह की अमावस्या बहुत ही खास होती है लेकिन भाद्रपद अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। कहते…

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रामायण मनका 108 | Ramayan Manka 108

रामायण मनका 108 | Ramayan Manka 108 रघुपति राघव राजाराम । पतितपावन सीताराम॥जय रघुनन्दन जय घनश्याम । पतितपावन सीताराम॥भीड़ पड़ी जब भक्त पुकारे । दूर करो प्रभु दु:ख हमारे॥दशरथ के…

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गोगा नवमी | Goga Navami

गोगा नवमी | Goga Navami राजस्थान में एक जनश्रुति के अनुसार पाबूजी, हड़बूजी, रामदेवजी, मंगलियाजी और मेहाजी को पांच मुख्य पीर(पंच पीर) माना जाता है। इस जनश्रुति को दोहा के…

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विन्ध्येश्‍वरी चालीसा | Vindheshwari Chalisa

विन्ध्येश्‍वरी चालीसा | Vindheshwari Chalisa ॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्‍वरी नमो नमो जगदम्ब।सन्तजनों के काज में माँ करती नहीं विलम्ब॥ ॥ चोपाई ॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि…

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