Find a collection of powerful Stuti in Hindi, offering devotional hymns and praises for various deities. Explore Stuti to bring peace and devotion to your life.
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥ नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते॥ नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते॥ नमस्ते…
जय चित्रगुप्त यमेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ।जय पूज्यपद पद्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय देव देव दयानिधे, जय दीनबन्धु कृपानिधे ।कर्मेश जय धर्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय चित्र अवतारी…
विश्वंभरी अखिल विश्व तनी जनेता,विद्या धरी वदनमा वसजो विधाता,दुर्बुद्धिने दूर करी सदबुद्धि आपो,माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों। भूलो पड़ी भवरने भटकू भवानी,सूझे नहीं लगिर कोई दिशा जवानी,भासे भयंकर…
करणी माँ स्तुति | Karni Ma Stuti करणी घण करणी कृपा ,धरणी उर धणियाप ।माँ करणी मोटा धणी , माँ करणी मां बाप ॥चार धाम करणी चरण , सह तीरथ…
चन्द्र दिपै सूरज दिपै, उड़गण दिपै आकाश ।इन सब से बढकर दिपै, माताऒ का सुप्रकाश ॥ मेरा अपना कुछ नहीं, जो कुछ है सो तोय ।तेरा तुझको सौंपते, क्या लगता…
॥ श्लोक ॥ ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्,कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्।उमासुतम् शोक विनाश कारकम्,नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥ ॥ स्तुति ॥ गाइए गणपति जगवंदन।शंकर सुवन भवानी के नंदन।।गाइए गणपति जगवंदन…… सिद्धी सदन गजवदन विनायक।कृपा…
।। दोहा ।। श्री गिरिजापति वंदिकर, चरण मध्य शिरनाय ।कहत अयोध्यादास तुम, मोपर होहु सहाय ।। कवित्तनन्दी की सवारी नाग अंगीकार धारी नित,संत सुखकारी नीलकंठ त्रिपुरारी हैं ।गले मुण्डमाला धारी,…
आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।। सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।। विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।विद्यां…
तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥ मनः प्रसादजननि सुखसौभाग्यदायिनि ।आधिव्याधिहरे देवि तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ यन्मूले सर्वतीर्थानि यन्मध्ये सर्वदेवताः ।यदग्रे सर्व वेदाश्च तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ अमृतां…
हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगायेदस आ गयो शरण में रखियो इसकी लाजधन्य ढूंढारो देश हे खाटू नगर सुजानअनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण।। श्याम श्याम…
यं यं यं यक्ष रुपं दशदिशिवदनं भूमिकम्पायमानं ।सं सं सं संहारमूर्ती शुभ मुकुट जटाशेखरम् चन्द्रबिम्बम् ।।दं दं दं दीर्घकायं विकृतनख मुखं चौर्ध्वरोयं करालं ।पं पं पं पापनाशं प्रणमत सततं भैरवं…
जय जय गिरिबरराज किसोरी ।जय महेस मुख चंद चकोरी।।जय गजबदन षडानन माता।जगत जननि दामिनी दुति गाता।। नहिं तव आदि मध्य अवसाना।अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।।भव भव बिभव पराभव करिनि।बिस्व बिमोहनि…
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् ।तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥1 अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया ।चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥2 गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।गुरुरेव परम्ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ स्थावरं…
जय जय भगीरथनन्दिनि, मुनि-चय चकोर-चन्दिनि,नर-नाग-बिबुध-बन्दिनि जय जह्नु बालिका ।बिस्नु-बिस्नुपद-सरोजजासि, ईस-सीसपर बिभासि,त्रिपथगासि, पुन्यरासि, पाप-छालिका ॥ बिमल बिपुल बहसि बारि, सीतल त्रयताप-हारि,भँवर बर बिभंगतर तरंग-मालिका ।पुरजन पूजोपहार, सोभित ससि धवलधार,भंजन भव-भार, भक्ति-कल्पथालिका…
श्रीमद् भागवत, जिसे भागवत पुराण भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महान पुराणों में से एक हैै भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा अत्यधिक पूजनीय है। इति मतिरूपकल्पिता वितृष्णा…
नमस्ते परमेशानि रासमण्डलवासिनी।रासेश्वरि नमस्तेऽस्तु कृष्ण प्राणाधिकप्रिये।। नमस्त्रैलोक्यजननि प्रसीद करुणार्णवे।ब्रह्मविष्ण्वादिभिर्देवैर्वन्द्यमान पदाम्बुजे।। नम: सरस्वतीरूपे नम: सावित्रि शंकरि।गंगापद्मावनीरूपे षष्ठि मंगलचण्डिके।। नमस्ते तुलसीरूपे नमो लक्ष्मीस्वरुपिणी।नमो दुर्गे भगवति नमस्ते सर्वरूपिणी।। मूलप्रकृतिरूपां त्वां भजाम: करुणार्णवाम्।संसारसागरादस्मदुद्धराम्ब दयां…
प्रनवउ पवनकुमार खल बल पावक ग्यानधन ।जासु ह्रदय आगार बसही राम शर चाप धर ॥ अतुलित बलधामम हेम शैलाभदेहम,दनुज वन कृशानुम ज्ञानिनामग्रगण्याम ।सकल गुणनिधामम वानराणामधीशं,रघुपति प्रियभक्तं वातजातम नमामि ॥ गोष्पदीकृतवारीशम…
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यंवन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥ यं ब्रह्मा वरुणेन्द्ररुद्रमरुतः स्तुन्वन्ति दिव्यैस्स्तवैःवेदैः साङ्गपदक्रमोपनिषदैर्गायन्ति यं सामगाः ।ध्यानावस्थिततद्गतेन मनसा पश्यन्ति यं योगिनोयस्यान्तं न विदुः सुरासुरगणा…
श्री राम स्तुति | Shree Ram Stuti श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन, हरण भवभय दारुणं ।नव कंज लोचन कंज मुख, कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि, नव नील नीरद…