पार्वती माता चालीसा | Parwati Mata Chalisa

॥ दोहा ॥ जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि।गणपति जननी पार्वती अम्बे! शक्ति! भवानि॥ ॥ चौपाई ॥ ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे, पंच बदन नित तुमको ध्यावे।षड्मुख कहि न…

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कामाख्या माता जी चालीसा | Kamakhya Mata Ji Chalisa

॥ दोहा ॥ सुमिरन कामाख्या करुँ, सकल सिद्धि की खानि ।होइ प्रसन्न सत करहु माँ, जो मैं कहौं बखानि ॥ ॥ चौपाई ॥ जै जै कामाख्या महारानी । दात्री सब…

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काली माता जी आरती | Kali Mata Ji Aarti

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोङ तेरे द्वार खडें,पान सुपारी धवजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेंट क़रें।सुन जगदम्बें कर न विलम्बें, संतन के भंडार भरें,संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,…

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