जीन माता जी चालीसा | Jeen Mata Ji Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री गुरुपद सुमिरण करूँ, गौरीनंदन ध्याय ।वरणऊ माता जीण यश , चरणों शीश नवाय ॥झांकी की अद्भुत छवि , शोभा कही न जाय ।जो नित सुमरे माय…

Continue Readingजीन माता जी चालीसा | Jeen Mata Ji Chalisa