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रक्षाबंधन की कहानी | Rakshabandhan Ki Kahani

रक्षाबंधन की कहानी | Rakshabandhan Ki Kahani

रक्षाबंधन का महत्व –
रक्षाबंधन का पर्व विशेष रूप से भावनाओं का त्योहार है | एक ऐसा बंधन जो दो जनों को स्नेह के धागे से बांधता है | रक्षा बंधन को भाई – बहन तक ही सीमित रखना सही नहीं होगा. बल्कि ऐसा कोई भी बंधन जो किसी को भी बांध सकता है | भाई – बहन के रिश्तों की सीमाओं से आगे बढ़ते हुए यह बंधन एक भाई का दूसरे भाई को, बहनों को आपस में राखी बांधना और दो मित्रों का एक-दूसरे को राखी बांधना, माता-पिता का संतान को राखी बांधना हो सकता है |

रक्षाबंधन की कहानी –
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जब राजा बलि ने अश्वमेध यज्ञ करवाया था तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग धरती दान में मांग ली थी। राजा ने तीन पग धरती देने के लिए हां बोल दिया था। राजा के हां बोलते ही भगवान विष्णु ने आकार बढ़ा कर लिया है और तीन पग में ही पूरी धरती नाप ली है और राजा बलि को रहने के लिए पाताल लोक दे दिया।
तब राजा बलि ने भगवान विष्णु से एक वरदान मांगा कि भगवान मैं जब भी देखूं तो सिर्फ आपको ही देखूं। सोते जागते हर क्षण मैं आपको ही देखना चाहता हूं। भगवान ने राजा बलि को ये वरदान दे दिया और राजा के साथ पाताल लोक में ही रहने लगे।
भगवान विष्णु राजा के साथ रहने की वजह से माता लक्ष्मी चिंतित हो गईं और नारद जी को सारी बात बताई। तब नारद जी ने माता लक्ष्मी को भगवान विष्णु को वापस लाने का उपाय बताया। नारद जी ने माता लक्ष्मी से कहा कि आप राजा बलि को अपना भाई बना लीजिए और भगवान विष्णु को मांग लीजिए।
नारद जी की बात सुनकर माता लक्ष्मी राजा बलि के पास भेष बदलकर गईं और उनके पास जाते ही रोने लगीं। राजा बलि ने जब माता लक्ष्मी से रोने का कारण पूछा तो मां ने कहा कि उनका कोई भाई नहीं है इसलिए वो रो रही हैं। राजा ने मां की बात सुनकर कहा कि आज से मैं आपका भाई हूं। माता लक्ष्मी ने तब राजा बलि को राखी बांधी और उनके भगवान विष्णु को मांग लिया है। ऐसा माना जाता है कि तभी से भाई- बहन का यह पावन पर्व मनाया जाता है।कता है |

राखी बांधने की विधि –
* सबसे पहले बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधने तक व्रत रखें।
* बहनें भाई को राखी बांधने से पहले रोली चावल का टीका लगाए |
* ध्यान रखें कि राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा की तरफ और बहन का मुख पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए।
* फिर बहने घी के दीपक से भाई की आरती उतारे तथा फिर आंखें बंद करके भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करें |
* आखिर में भाई को मिठाई खिलाकर उसका मुंह मीठा करवाएं |
* अगर बहन बड़ी है तो भाई को उसके पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए और अगर भाई बड़ा है तो बहन ऐसा करे |

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