रविवार व्रत आरती | Ravivar Vrat Aarti
कहुं लगि आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकी जोत विराजे।सात समुद्र जाके चरणनि बसे, कहा भये जल कुम्भ भरे हो राम। कोटि भानु जाके नख की शोभा, कहा भयो मन्दिर…
कहुं लगि आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकी जोत विराजे।सात समुद्र जाके चरणनि बसे, कहा भये जल कुम्भ भरे हो राम। कोटि भानु जाके नख की शोभा, कहा भयो मन्दिर…
ॐ जय श्री राधा जय श्री कृष्णश्री राधा कृष्णाय नमः.. घूम घुमारो घामर सोहे जय श्री राधापट पीताम्बर मुनि मन मोहे जय श्री कृष्णजुगल प्रेम रस झम झम झमकैश्री राधा…
किं नु नाम सहस्त्राणि जपते च पुन: पुन: ।यानि नामानि दिव्यानि तानि चाचक्ष्व केशव: ॥ मत्स्यं कूर्मं वराहं च वामनं च जनार्दनम् ।गोविन्दं पुण्डरीकाक्षं माधवं मधुसूदनम् ॥ पदनाभं सहस्त्राक्षं वनमालिं…
श्रीगणेशाय नमः ॥ दधन्नैरन्तर्यादपि मलिनचर्यां सपदि यत्सपर्यां पश्यन्सन् विशतु सुरपुर्यां नरपशुः ।भटान्वर्यान् वीर्यासमहरदसूर्यान् समिति याजगद्धुर्या काली मम मनसि कुर्यान्निवसतिम् ॥ लसन्नासामुक्ता निजचरणभक्तावनविधौसमुद्युक्ता रक्ताम्बुरुहदृगलक्ताधरपुटा ।अपि व्यक्ताऽव्यक्तायमनियमसक्ताशयशयाजगद्धुर्या काली मम मनसि कुर्यान्निवसतिम् ॥…
ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् ।रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् ।उपगम्याब्रवीद् राममगरत्यो भगवांस्तदा ॥ राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्यं सनातनम् ।येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे…
गणेश जी की कथा एक बुढ़िया थी। वह बहुत ही ग़रीब और अंधी थीं। उसके एक बेटा और बहू थे। वह बुढ़िया सदैव गणेश जी की पूजा किया करती थी।…
एक बुढ़िया माई रोज मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी।बेचारी बुढ़िया के बनाए गणेश जी रोज गल जाते थे। उसके घर के सामने एक सेठजी का मकान बन…
जय चित्रगुप्त यमेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ।जय पूज्यपद पद्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय देव देव दयानिधे, जय दीनबन्धु कृपानिधे ।कर्मेश जय धर्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय चित्र अवतारी…
विश्वंभरी अखिल विश्व तनी जनेता,विद्या धरी वदनमा वसजो विधाता,दुर्बुद्धिने दूर करी सदबुद्धि आपो,माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों। भूलो पड़ी भवरने भटकू भवानी,सूझे नहीं लगिर कोई दिशा जवानी,भासे भयंकर…
शालिग्राम सुनो विनती मेरी ।यह वरदान दयाकर पाऊं ॥ प्रात: समय उठी मंजन करके ।प्रेम सहित स्नान कराऊँ ॥ चन्दन धुप दीप तुलसीदल ।वरन -वरण के पुष्प चढ़ाऊँ ॥ तुम्हरे…
करणी माँ स्तुति | Karni Ma Stuti करणी घण करणी कृपा ,धरणी उर धणियाप ।माँ करणी मोटा धणी , माँ करणी मां बाप ॥चार धाम करणी चरण , सह तीरथ…
आरति श्रीजनक-दुलारी की। सीताजी रघुबर-प्यारी की।। जगत-जननि जगकी विस्तारिणि, नित्य सत्य साकेत विहारिणि।परम दयामयि दीनोद्धारिणि, मैया भक्तन-हितकारी की।।आरति श्रीजनक-दुलारी की.. सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि, पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि, त्याग-धर्म-मूरति-धारी की।।आरति श्रीजनक-दुलारी की.. विमल-कीर्ति सब…
॥ दोहा ॥ बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम, राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम॥कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम, मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन…
॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।जो कोई…
॥ दोहा ॥ आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनंवैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणंबाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं ॥ चौपाई ॥ श्री रघुबीर भक्त…
॥ दोहा ॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार ।वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम ।चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय…
॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन…
॥ दोहा ॥मातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास।मनोकामना सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस॥सिंधु सुता विष्णुप्रिये नत शिर बारंबार।ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नत शिर बारंबार॥ ॥ चौपाई ॥ तुम समान…
जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवाा।जय काली और गौरा कृतसेवा ॥ तुम पापी उद्धारक दुख सिन्धु तारका।भक्तों के सुखकारक भीषण वपु धारक ॥जय भैरव देवा.. वाहन श्वान विराजत कर…