You are currently viewing खन-खन आवाज । Khann-Khann Aawaj

खन-खन आवाज । Khann-Khann Aawaj

खन-खन आवाज । Khann-Khann Aawaj

तीन लडके थे। पिता की सारी सम्पति बाँट ली मकान बाँटे, खेत बाँटे, जमीन जायदाद बाँटी, पैसे बाँटे। पिता रह गया।
बड़ा लड़का कहे, “मैं नहीं रखूँगा।” मझला बोला कि,”मैं भी नहीं रखूँगा।” तीसरे ने कहा, “मैं भी नहीं रखूँगा।” सब पिता का स्वभाव जानते थे। इसे नहीं रखा जा सकता।
फिर बंटवारा किया। जाडों में चार महीने बड़े के घर, गर्मी में चार महीने मंझले के घर और बरसात में चार महीने छोटे के घर। ऋतु के परिवर्तन के साथ पिता का स्थान भी बदलता था।
ऐसी दशा आने से पहले सब समझ कर दे देना अच्छा है।
आज के युगानुसार तो चिंतक यह कहते हैं,”सब नहीं देना चाहिए। थोड़ा पास रखना चाहिए। नहीं तो कोई सामने नहीं देखेगा। थोड़ी खन-खन की आवाज आती होगी तो लडके को लगेगा कि नहीं अभी पिता की सेवा करनी चाहिए।

Share this post (शेयर करें)