लड्डूगोपाल चालीसा | Laddugopal Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।जो कोई…

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श्री बद्रीनाथ जी आरती | Shree Badrinath Ji Aarti

पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मन्दिर शोभितम्।निकट गंगा बहत निर्मल,श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥शेष सुमिरन, करत निशदिन,धरत ध्यान महेश्वरम्।वेद ब्रह्मा करत स्तुति श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥इन्द्र चन्द्र कुबेर दिनकर, धूप दीप निवेदितम्।सिद्ध मुनिजन…

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