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श्रीनाथ जी आरती | Shreenath Ji Aarti

आरती श्रीनाथ जी की,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी,शंख वाज्ञा श्रीनाथ जी जाग्या,
कटोरी धरी प्रभु जी कटोरी धरी,
आरती श्रीनाथ जी की,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी।

धनन धनन घंट बाजे, झालरों घणी,
धनन धनन घंट बाजे, झालरों घणी,
वाला, झालरों घणी,
आरती श्रीनाथ जी नी,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी।

ताल ने मृदंग वागे, वेणु वासणी,
ताल ने मृदंग वागे, वेणु वासणी,
वागे वेणु वासणी,
आरती श्रीनाथ जी नी,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी।

कान में कुण्डल, मस्तके मुकुट,
कान में कुण्डल, मस्तके मुकुट,
मौरवी धरी,वाला बंसरी धरी,
आरती श्रीनाथ जी नी,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी।

वस्त्र अंगीकार करया,वस्त्र अंगीकार करया,
हिरले जडया,प्रभु हिरले जड़या,
आरती श्रीनाथ जी नी,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी।

अंगे अंगे आभूषण धरया,अंगे अंगे आभूषण धरया,
झरी जी भरी,वाला, झारी जी भरी,
आरती श्रीनाथ जी नी,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी।

दास जाणी ने दर्शन दीजो,दास जाणी ने दर्शन दीजो,
कृपा तो करी,प्रभु, कृपा तो करी,
आरती श्रीनाथ जी नी,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी।

वारे वारे वारणां लऊँ छुं,वारे वारे वारणां लऊँ छुं,
अंतरमां धरी,प्रभु अंतरमां धरी,
आरती श्रीनाथ जी नी,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी।

लणी लणी ने दंडवत करूँ छुं,लणी लणी ने दंडवत करूँ छुं,
चरणों माँ पड़ी,प्रभु चरणों माँ पड़ी,
आरती श्रीनाथ जी नी,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी।

दास दयो कह अभय,दास दयो कह अभय,
कृपा तो करि,प्रभु कृपा तो करि,
आरती श्रीनाथ जी नी,मंगला करि,
प्रभु मंगला करी।

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