रामायण मनका 108 | Ramayan Manka 108
रामायण मनका 108 | Ramayan Manka 108 रघुपति राघव राजाराम । पतितपावन सीताराम॥जय रघुनन्दन जय घनश्याम । पतितपावन सीताराम॥भीड़ पड़ी जब भक्त पुकारे । दूर करो प्रभु दु:ख हमारे॥दशरथ के…
रामायण मनका 108 | Ramayan Manka 108 रघुपति राघव राजाराम । पतितपावन सीताराम॥जय रघुनन्दन जय घनश्याम । पतितपावन सीताराम॥भीड़ पड़ी जब भक्त पुकारे । दूर करो प्रभु दु:ख हमारे॥दशरथ के…
बृहस्पतिवार कथा | Brihaspativar Katha सालों पहले एक गांव में ऐसा गरीब धार्मिक ब्राह्मण रहता था, जिसकी कोई संतान नहीं थी।वह रोज नहा-धोकर मन से देवताओं की पूजा करते हुए…
लक्ष्मण जी के त्याग | Lakshman Ji Ke Tyag एक अनजाने सत्य से परिचय—हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा पुरे संसार में गाई जाती है।लक्ष्मणजी की भक्ति भी अद्भुत थी.लक्ष्मणजी की…
श्री खाटूश्याम कथा | Shree Khatushyam Katha महाभारत काल में लगभग साढ़े पांच हज़ार वर्ष पहले एक महान आत्मा का अवतरण हुआ जिसे हम भीम पौत्र बर्बरीक के नाम से…
मंगला गौरी व्रत कथा | Mangla Gauri Vrat Katha एक समय की बात है, एक शहर में धरमपाल नाम का एक व्यापारी रहता था। उसकी पत्नी काफी खूबसूरत थी और…
मंगलवार व्रत कथा | Mangalwar Vrat Katha एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक समय ब्राह्मण वन…
अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha अर्जुन ने कहा: हे पुण्डरिकाक्ष! मैंने श्रावण शुक्ल एकादशी अर्थात पुत्रदा एकादशी का सविस्तार वर्णन सुना। अब आप कृपा करके मुझे…
गोगा नवमी | Goga Navami राजस्थान में एक जनश्रुति के अनुसार पाबूजी, हड़बूजी, रामदेवजी, मंगलियाजी और मेहाजी को पांच मुख्य पीर(पंच पीर) माना जाता है। इस जनश्रुति को दोहा के…
गणेश जी कथा | Ganesh Ji Katha एक बार गणेश जी महाराज एक सेठ जी के खेत में से जा रहे थे तो उन्होंने बारह दाने अनाज के तोड़ लिए।…
कालाष्टमी व्रत कथा | Kalasthami Vrat Katha कालाष्टमी की एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार की बात है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों में श्रेष्ठता की लड़ाई…
बलराम जयंती/हल छठ कथा | Balram Jayanti/Hal Chhat Katha एक ग्वालिन थी वो दूध दही बेचकर अपना जीवन व्यापन करती थी। वह गर्भवती थी। एक दिन जब वह दूध बेचने…
बृहस्पतिवार व्रत कथा। Brihaspativar Vrat Katha प्राचीन समय की बात है। भारत में एक राजा राज्य करता था। वह बड़ा प्रतापी तथा दानी था। वह नित्यप्रति मन्दिर में भगवदर्शन करने…
विन्ध्येश्वरी चालीसा | Vindheshwari Chalisa ॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्वरी नमो नमो जगदम्ब।सन्तजनों के काज में माँ करती नहीं विलम्ब॥ ॥ चोपाई ॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि…
विश्वकर्मा चालीसा | Vishvakarma Chalisa ॥ दोहा ॥ विनय करौं कर जोड़कर मन वचन कर्म संभारी।मोर मनोरथ पूर्ण कर विश्वकर्मा दुष्टारी॥ ॥ चोपाई ॥ विश्वकर्मा तव नाम अनूपा, पावन सुखद…
विष्णु चालीसा | Vishnu Chalisa ॥ दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय।कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय। ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान खरारी। कष्ट नशावन अखिल…
शीतला माता चालीसा | Shitla Mata Chalisa ॥ दोहा ॥ जय जय माता शीतला तुमही धरे जो ध्यान।होय बिमल शीतल हृदय विकसे बुद्धी बल ज्ञान॥घट घट वासी शीतला शीतल प्रभा…
सरस्वती माता चालीसा | Saraswati Mata Chalisa ॥ दोहा ॥ जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि ।बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि ॥पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा…
सन्तोषी माता चालीसा | Santoshi Mata Chalisa ॥ दोहा ॥ बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार।ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार॥भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम।कृपा करहु…
बालकनाथ चालीसा | Balaknath Chalisa ॥ दोहा ॥ गुरु चरणों में सीस धर करुं प्रथम प्रणाम, बखशो मुझको बाहुबल, सेव करूँ निष्काम।रोम रोम में रम रहा, रूप तुम्हारा नाथ ,…
बटुक भैरव चालीसा | Batuk Bhairav Chalisa ॥ दोहा ॥ श्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ ।चालीसा वन्दन करों, श्री शिव भैरवनाथ ॥श्री भैरव संकट हरण, मंगल…