विश्वम्भरी स्तुति | Vishvambhari Stuti
विश्वंभरी अखिल विश्व तनी जनेता,विद्या धरी वदनमा वसजो विधाता,दुर्बुद्धिने दूर करी सदबुद्धि आपो,माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों। भूलो पड़ी भवरने भटकू भवानी,सूझे नहीं लगिर कोई दिशा जवानी,भासे भयंकर…
विश्वंभरी अखिल विश्व तनी जनेता,विद्या धरी वदनमा वसजो विधाता,दुर्बुद्धिने दूर करी सदबुद्धि आपो,माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों। भूलो पड़ी भवरने भटकू भवानी,सूझे नहीं लगिर कोई दिशा जवानी,भासे भयंकर…