गुरु देव स्तुति | Guru Dev Stuti

अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् ।तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥1 अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया ।चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥2 गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।गुरुरेव परम्ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ स्थावरं…

Continue Readingगुरु देव स्तुति | Guru Dev Stuti

End of content

No more pages to load