माँ कालरात्रि की आरती | Ma Kalratri Ki Aarti
कालरात्रि जय-जय-महाकाली । काल के मुह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा । महाचंडी तेरा अवतार ॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली…
पृथ्वी और आकाश पे सारा । महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली । दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली…
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी । गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली…
रक्तदंता और अन्नपूर्णा । कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी । ना कोई गम ना संकट भारी ॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली…
उस पर कभी कष्ट ना आवें । महाकाली माँ जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह । कालरात्रि माँ तेरी जय ॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली…