ॐ जय खेतरपाल देवा, स्वामी जय खेतरपाल देवा।
छिन-छिन भोग लगाऊँ, मोदक और मेवा ।।
ॐ जय खेतरपाल देवा..
तुम करूणा के सागर, तुम अंतरयामी ।
दुःखीयन के दुःखहारी, तुम सबके स्वामी ।।
ॐ जय खेतरपाल देवा..
कमल चरण मृत निर्मल, सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।।
ॐ जय खेतरपाल देवा..
तन मन धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।
शरणागत प्रभु आकर, उनके द्वार खडें।।
ॐ जय खेतरपाल देवा..
दीन दयाल दयानिधी, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी।।
ॐ जय खेतरपाल देवा..
सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारी।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ।।
ॐ जय खेतरपाल देवा..
रावतसर में मंदिर थारो, शोभा अति भारी।
मन वांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
ॐ जय खेतरपाल देवा..
रावतसर की विनती सुनकर, नींव लगी थारी।
नारायण सिंह भक्त, पूजा करें भारी।।
ॐ जय खेतरपाल देवा..
जो जन आरती तुम्हारी, प्रेम सहित गावें।
सफल मनोरथ होवे, निश्चय फल पावे।।
ॐ जय खेतरपाल देवा..