श्री गणेश स्तुति | Shree Ganesh Stuti

॥ श्लोक ॥ ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्,कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्।उमासुतम् शोक विनाश कारकम्,नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥ ॥ स्तुति ॥ गाइए गणपति जगवंदन।शंकर सुवन भवानी के नंदन।।गाइए गणपति जगवंदन…… सिद्धी सदन गजवदन विनायक।कृपा…

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शिव स्तुति | Shiv Stuti

।। दोहा ।। श्री गिरिजापति वंदिकर, चरण मध्य शिरनाय ।कहत अयोध्यादास तुम, मोपर होहु सहाय ।। कवित्तनन्दी की सवारी नाग अंगीकार धारी नित,संत सुखकारी नीलकंठ त्रिपुरारी हैं ।गले मुण्डमाला धारी,…

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महालक्ष्मी स्तु‍ति | Mahalakshmi Stuti

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।। सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।। विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।विद्यां…

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तुलसी स्तुति | Tulsi Stuti

तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥ मनः प्रसादजननि सुखसौभाग्यदायिनि ।आधिव्याधिहरे देवि तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ यन्मूले सर्वतीर्थानि यन्मध्ये सर्वदेवताः ।यदग्रे सर्व वेदाश्च तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ अमृतां…

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श्री श्याम स्तुति | Shree Khatushyam Stuti

हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगायेदस आ गयो शरण में रखियो इसकी लाजधन्य ढूंढारो देश हे खाटू नगर सुजानअनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण।। श्याम श्याम…

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काल भैरव स्तुति | Kal Bhairav Stuti

यं यं यं यक्ष रुपं दशदिशिवदनं भूमिकम्पायमानं ।सं सं सं संहारमूर्ती शुभ मुकुट जटाशेखरम् चन्द्रबिम्बम् ।।दं दं दं दीर्घकायं विकृतनख मुखं चौर्ध्वरोयं करालं ।पं पं पं पापनाशं प्रणमत सततं भैरवं…

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पार्वती जी स्तुति | Parwati Ji Stuti

जय जय गिरिबरराज किसोरी ।जय महेस मुख चंद चकोरी।।जय गजबदन षडानन माता।जगत जननि दामिनी दुति गाता।। नहिं तव आदि मध्य अवसाना।अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।।भव भव बिभव पराभव करिनि।बिस्व बिमोहनि…

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गुरु देव स्तुति | Guru Dev Stuti

अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् ।तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥1 अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया ।चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥2 गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।गुरुरेव परम्ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ स्थावरं…

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गंगा स्तुति | Ganga Stuti

जय जय भगीरथनन्दिनि, मुनि-चय चकोर-चन्दिनि,नर-नाग-बिबुध-बन्दिनि जय जह्नु बालिका ।बिस्नु-बिस्नुपद-सरोजजासि, ईस-सीसपर बिभासि,त्रिपथगासि, पुन्यरासि, पाप-छालिका ॥ बिमल बिपुल बहसि बारि, सीतल त्रयताप-हारि,भँवर बर बिभंगतर तरंग-मालिका ।पुरजन पूजोपहार, सोभित ससि धवलधार,भंजन भव-भार, भक्ति-कल्पथालिका…

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श्री भागवत स्तुति | Shree Bhagwat Stuti

श्रीमद् भागवत, जिसे भागवत पुराण भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महान पुराणों में से एक हैै भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा अत्यधिक पूजनीय है। इति मतिरूपकल्पिता वितृष्णा…

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श्री राधा स्तुति | Shree Radha Stuti

नमस्ते परमेशानि रासमण्डलवासिनी।रासेश्वरि नमस्तेऽस्तु कृष्ण प्राणाधिकप्रिये।। नमस्त्रैलोक्यजननि प्रसीद करुणार्णवे।ब्रह्मविष्ण्वादिभिर्देवैर्वन्द्यमान पदाम्बुजे।। नम: सरस्वतीरूपे नम: सावित्रि शंकरि।गंगापद्मावनीरूपे षष्ठि मंगलचण्डिके।। नमस्ते तुलसीरूपे नमो लक्ष्मीस्वरुपिणी।नमो दुर्गे भगवति नमस्ते सर्वरूपिणी।। मूलप्रकृतिरूपां त्वां भजाम: करुणार्णवाम्।संसारसागरादस्मदुद्धराम्ब दयां…

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श्री विष्णु स्तुति | Shree Vishnu Stuti

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यंवन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥ यं ब्रह्मा वरुणेन्द्ररुद्रमरुतः स्तुन्वन्ति दिव्यैस्स्तवैःवेदैः साङ्गपदक्रमोपनिषदैर्गायन्ति यं सामगाः ।ध्यानावस्थिततद्गतेन मनसा पश्यन्ति यं योगिनोयस्यान्तं न विदुः सुरासुरगणा…

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सावन पुत्रदा एकादशी व्रत कथा | Sawan Putrada Ekadashi Vrat Katha

एक बार धनुर्धर अर्जुन ने भगवान कृष्ण से कहा कि "हे प्रभु! आप मुझे श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी की कथा सुनाने की कृपा करें। इस एकादशी का…

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जन्‍माष्‍टमी व्रत कथा | Janmashtami Vrat Katha

भाद्रपद माह के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि को जन्‍माष्‍टमी मनाई जाती हैं। मान्‍यता है कि श्रीकृष्‍ण जन्‍म की यह अद्भुत कथा सुनने मात्र से ही समस्‍त पापों का नाश…

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सोमवार व्रत कथा | Somvaar Vrat Katha

एक साहूकार था जो भगवान शिव का अनन्‍य भक्‍त था। उसके पास धन-धान्‍य किसी भी चीज की कमी नहीं थी। लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी और वह इसी कामना…

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नर्मदा माता जी चालीसा | Narmda Mata Ji Chalisa

॥ दोहा ॥ देवि पूजित, नर्मदा,महिमा बड़ी अपार ।चालीसा वर्णन करत,कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा,मिटते पाप महान ।तट पर कर जप दान नर,पाते हैं नित ज्ञान ॥…

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दुर्गा माता जी चालीसा | Durga Mata Ji Chalisa

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥रूप मातु को अधिक सुहावे।दरश करत…

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तुलसी माता जी चालीसा | Tulsi Mata Ji Chalisa

॥दोहा॥ जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी।नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब।जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब॥ ॥चौपाई॥ धन्य धन्य…

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जीन माता जी चालीसा | Jeen Mata Ji Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री गुरुपद सुमिरण करूँ, गौरीनंदन ध्याय ।वरणऊ माता जीण यश , चरणों शीश नवाय ॥झांकी की अद्भुत छवि , शोभा कही न जाय ।जो नित सुमरे माय…

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गौरी माता जी चालीसा | Gauri Mata Ji Chalisa

॥ चौपाई ॥ मन मंदिर मेरे आन बसो, आरम्भ करूं गुणगान,गौरी माँ मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान।पूजन विधी न जानती, पर श्रद्धा है आपर,प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे माँ प्राण आधार।नमो…

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