अन्नपूर्णा आरती | Annapurna Aarti

अन्नपूर्णा आरती | Annapurna Aarti बारम्बार प्रणाम,मैया बारम्बार प्रणाम ।जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,कहां उसे विश्राम ।अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो,लेत होत सब काम ॥ बारम्बार प्रणाम,मैया बारम्बार प्रणाम ।प्रलय युगान्तर…

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विश्वम्भरी स्तुति | Vishvambhari Stuti

विश्वंभरी अखिल विश्व तनी जनेता,विद्या धरी वदनमा वसजो विधाता,दुर्बुद्धिने दूर करी सदबुद्धि आपो,माम पाहि ओम भगवती भव दुख कांपों। भूलो पड़ी भवरने भटकू भवानी,सूझे नहीं लगिर कोई दिशा जवानी,भासे भयंकर…

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सीता माता आरती | Sita Mata Aarti

आरति श्रीजनक-दुलारी की। सीताजी रघुबर-प्यारी की।। जगत-जननि जगकी विस्तारिणि, नित्य सत्य साकेत विहारिणि।परम दयामयि दीनोद्धारिणि, मैया भक्तन-हितकारी की।।आरति श्रीजनक-दुलारी की.. सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि, पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि, त्याग-धर्म-मूरति-धारी की।।आरति श्रीजनक-दुलारी की.. विमल-कीर्ति सब…

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सीता माता चालीसा | Sita Mata Chalisa

॥ दोहा ॥ बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम, राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम॥कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम, मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन…

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राधा चालीसा | Radha Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार ।वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम ।चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय…

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ब्राह्मणी माता आरती | Brahmani Mata Aarti

ब्राह्मणी माता आरती | Brahmani Mata Aarti ॐ ब्रह्माणी मइया, जय ब्रह्माणी मइया।पल्लू धाम विराजत, सब जन कल्याणी ॥ॐ ब्रह्माणी मइया .. मंगल मोदमयी माँ, पीताम्बर धारी।स्वर्ण छत्र से शोभित,…

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ब्रह्माणी स्तुति | Brahmani Stuti

चन्द्र दिपै सूरज दिपै, उड़गण दिपै आकाश ।इन सब से बढकर दिपै, माताऒ का सुप्रकाश ॥ मेरा अपना कुछ नहीं, जो कुछ है सो तोय ।तेरा तुझको सौंपते, क्या लगता…

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