जीन माता जी चालीसा | Jeen Mata Ji Chalisa
॥ दोहा ॥ श्री गुरुपद सुमिरण करूँ, गौरीनंदन ध्याय ।वरणऊ माता जीण यश , चरणों शीश नवाय ॥झांकी की अद्भुत छवि , शोभा कही न जाय ।जो नित सुमरे माय…
॥ दोहा ॥ श्री गुरुपद सुमिरण करूँ, गौरीनंदन ध्याय ।वरणऊ माता जीण यश , चरणों शीश नवाय ॥झांकी की अद्भुत छवि , शोभा कही न जाय ।जो नित सुमरे माय…
॥ दोहा ॥ जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल।विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू। मंगल भरण करण शुभः काजू ॥जै गजबदन…
॥ दोहा ॥ जय गणेश जय गज बदन, करण सुमंगल मूल।करहू कृपा निज दास पर, रहहू सदा अनूकूल॥जय जननी जगदीश्वरी, कह कर बारम्बार।जगदम्बा करणी सुयश, वरणउ मति अनुसार ॥ ॥…