रामलला की आरती । Ramlala Ki Aarti
आरती कीजे श्रीरामलला की ।पूण निपुण धनुवेद कला की ॥ धनुष वान कर सोहत नीके ।शोभा कोटि मदन मद फीके ॥ सुभग सिंहासन आप बिराजैं ।वाम भाग वैदेही राजैं ॥…
आरती कीजे श्रीरामलला की ।पूण निपुण धनुवेद कला की ॥ धनुष वान कर सोहत नीके ।शोभा कोटि मदन मद फीके ॥ सुभग सिंहासन आप बिराजैं ।वाम भाग वैदेही राजैं ॥…
आरती कीजै रामचन्द्र जी की।हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥ पहली आरती पुष्पन की माला।काली नाग नाथ लाये गोपाला॥ दूसरी आरती देवकी नन्दन।भक्त उबारन कंस निकन्दन॥ तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे।रत्न सिंहासन…
जगमग-जगमग जोत जली है।राम आरती होने लगी है॥ भक्ति का दीपक प्रेम की बाती।आरती संत करें दिन रात॥ आनंद की सरिता उभरी है।जगमग-जगमग जोत जली है॥ कनक सिंहासन सिया समेता।बैठहिं…
पालक राम-बालक कृष्ण । Palak Ram - Balak Krishan तुलसीजी और सूरदासजी एक बार इकट्ठे हुए। ब्रजभूमि में दोनों सत्संग कर रहे थे। कई लोग एकत्रित हुए थे। एक 'सूरसागर'…
सुन्दरकाण्ड | Sunderkand श्रीजानकीवल्लभो विजयते॥ श्रीरामचरितमानस ॥पञ्चम सोपान ॥ सुन्दरकाण्ड ॥ ॥ श्लोक ॥ शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदंब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्।रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिंवन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम् ॥1॥ नान्या स्पृहा रघुपते…
हनुमानाष्टक | Hanumanashtak श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में संकट मोचन हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तों पर आये गंभीर संकट का भी निवारण हो जाता है।…
श्री बजरंग बाण | Shree Banjrag Baan ॥ दोहा ॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमंत संत…
श्री विष्णु सहस्त्रनाम | Shree Vishnu Sahstranama शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् ।प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥1॥ यस्य द्विरदवक्त्राद्याः पारिषद्याः परः शतम् ।विघ्नं निघ्नन्ति सततं विष्वक्सेनं तमाश्रये ॥2॥ व्यासं वसिष्ठनप्तारं शक्तेः पौत्रमकल्मषम्…
श्री दुर्गा सहस्रनाम | Shri Durga Sahasranama ॐ शिवायै नमः ।ॐ उमायै नमः ।ॐ रमायै नमः ।ॐ शक्त्यै नमः ।ॐ अनन्तायै नमः ।ॐ निष्कलायै नमः ।ॐ अमलायै नमः ।ॐ शान्तायै…
श्री सरस्वती स्तोत्रं | Shree Saraswati Stotram या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दितासा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥ आशासु राशीभवदङ्गवल्लीभासैव दासीकृतदुग्धसिन्धुम् ।मन्दस्मितैर्निन्दितशारदेन्दुंवन्देऽरविन्दासनसुन्दरि त्वाम् ॥2॥…
श्री शालिग्राम स्तोत्रं | Shree Shaligram Stotarm श्री गणेशाय नमः ।अस्य श्रीशालिग्रामस्तोत्रमन्त्रस्य श्रीभगवान् ऋषिः।,नारायणो देवता।, अनुष्टुप् छन्दः।,श्रीशालिग्रामस्तोत्रमन्त्रजपे विनियोगः ॥ ॥ युधिष्ठिर उवाच ॥ श्रीदेवदेव देवेश देवतार्चनमुत्तमम् ।तत्सर्वं श्रोतुमिच्छामि ब्रूहि मे…
श्री राम रक्षा स्तोत्रं | Shree Ram Raksha Stotram श्रीगणेशायनम: ।अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य ।बुधकौशिक ऋषि: ।श्रीसीतारामचंद्रोदेवता ।अनुष्टुप् छन्द: । सीता शक्ति: ।श्रीमद्हनुमान् कीलकम् ।श्रीसीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे जपे विनियोग: ॥ ॥ अथ ध्यानम् ॥…
श्री तुलसी स्तोत्रं | Shree Tulsi Stotram जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे ।यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः ॥1॥ नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे ।नमो मोक्षप्रदे देवि नमः सम्पत्प्रदायिके ॥2॥ तुलसी पातु मां…
दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra (Hindi) हे परमेश्वरी मेरे द्वारा रात-दिन बहुत से अपराध होते रहते है। मुझे अपना दास समझकर मेरे उन अपराधों को आप कृपा पूर्वक…
दुर्गा क्षमा-प्रार्थना मंत्र | Durga kshma-prathana Mantra अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि ॥1॥ आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि ॥2॥ मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं…
श्री जानकी स्तोत्रं | Shree Janaki Stotram जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥1॥ दारिद्र्यरणसंहर्त्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥2॥ भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम् ।पौलस्त्यैश्वर्यसंहत्रीं भक्ताभीष्टां सरस्वतीम् ॥3॥ पतिव्रताधुरीणां…
श्री गणेश स्तोत्रं । Shree Ganesh Stotram प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥1॥ प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥2॥ लंबोदरं पंचम च…
श्री लक्ष्मी स्तोत्रं । Shree Lakshmi Stotram सिंहासनगतः शक्रस्सम्प्राप्य त्रिदिवं पुनः ।देवराज्ये स्थितो देवीं तुष्टावाब्जकरां ततः ॥1॥ ॥ इन्द्र उवाच ॥नमस्ये सर्वलोकानां जननीमब्जसम्भवाम् ।श्रियमुन्निद्रपद्माक्षीं विष्णुवक्षःस्थलस्थिताम् ॥2॥ पद्मालयां पद्मकरां पद्मपत्रनिभेक्षणाम् ।वन्दे…
प्रशंसा । Pranshasa शिल्पकार था। वह बहुत सुन्दर मूर्तियां बनाता था।उसे एक ज्योतिषी मिला। उसने शिल्पी से कहा,"बराबर एक महीने बाद इसी तारीख, इसी समय तेरी मृत्यु होगी।"हमें कोइ मौत…
हराम को छोड । Haram Ko Chhod एक दिन गाँधीजी सायंकाल की प्रार्थना करने के लिए बिरला मन्दिर जा रहे थे। रास्ते में एक भाई ने हाथ जोडकर बापू से…