गौरी माता जी चालीसा | Gauri Mata Ji Chalisa
॥ चौपाई ॥ मन मंदिर मेरे आन बसो, आरम्भ करूं गुणगान,गौरी माँ मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान।पूजन विधी न जानती, पर श्रद्धा है आपर,प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे माँ प्राण आधार।नमो…
॥ चौपाई ॥ मन मंदिर मेरे आन बसो, आरम्भ करूं गुणगान,गौरी माँ मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान।पूजन विधी न जानती, पर श्रद्धा है आपर,प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे माँ प्राण आधार।नमो…
॥ दोहा ॥ हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड ।शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम ।प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम…
॥ दोहा ॥ जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल।विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू। मंगल भरण करण शुभः काजू ॥जै गजबदन…
।। स्तुति ।। मात शैल्सुतास पत्नी ससुधाश्रंगार धरावली ।स्वर्गारोहण जैजयंती भक्तीं भागीरथी प्रार्थये।। ।। दोहा ।। जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग।जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग।।…
॥ दोहा ॥ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम।अरुणअधरजनु बिम्बफल, नयनकमलअभिराम॥पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज।जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज॥ ॥ चोपाई ॥ जय यदुनंदन जय…
॥ दोहा ॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार ।महिष मर्दिनी कालिका , देहु अभय अपार ॥ ॥ चौपाई ॥ रि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥अष्टभुजी…
॥ दोहा ॥ सुमिरन कामाख्या करुँ, सकल सिद्धि की खानि ।होइ प्रसन्न सत करहु माँ, जो मैं कहौं बखानि ॥ ॥ चौपाई ॥ जै जै कामाख्या महारानी । दात्री सब…
॥ दोहा ॥ जय गणेश जय गज बदन, करण सुमंगल मूल।करहू कृपा निज दास पर, रहहू सदा अनूकूल॥जय जननी जगदीश्वरी, कह कर बारम्बार।जगदम्बा करणी सुयश, वरणउ मति अनुसार ॥ ॥…
माँ "आशापुरा माताजी " सुखकारी, गुण गाये ये दुनिया सारी ॥१॥"माँ "आशापुरा माताजी " की महिमा अति भारी, "माँ " नाम जपे नर – नारी ॥२॥"माँ "आशापुरा माताजी " के…
।। दोहा ।। चैत्र सुदी वैसाख सुदी, जेष्ठ सुदी को जान।आसाढ़ श्रावण सुदी, चौदस को पहचान।।भादुड़ा आसौज की, और कार्तिक की सुदी।सुदी मार्गशीर्ष और पौष की देती सबको बुद्धि ।।फाल्गुन…
॥ दोहा ॥गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकूटा पर्वत धाम।काली, लक्ष्मी, सरस्वती शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई ॥नमो: नमोः वैष्णो वरदानी, कलि काल में शुभ कल्याणी।मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी, पिंडी रूप…
प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ । हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ ॥गीत सुनाऊँ अद्भुत यार । धारण से हो बेड़ा पार ॥ अर्जुन कहै सुनो भगवाना । अपने रूप बताये नाना ॥उनका…
॥ दोहा ॥ प्रन्वाऊ प्रथम गुरु चरण, बुद्धि ज्ञान गुन खान।श्री गणेश शारद सहित, बसों ह्रदय में आन॥अज्ञानी मति मंद मैं, हैं गुरुस्वामी सुजान।दोषों से मैं भरा हुआ हूँ तुम…
||दोहा|| खेतरपाल संकट हरो, मंगल करो सब काम।शरण तुम्हारी आन पड़े, दर्श दिखाओ आन ।।चालीसा तेरी गाउं मै, दयो ज्ञान भरपूर ।क्षमा करो अपराध सब, संकट करो थे दूर।। ||चौपाई||खेतरपाल…
॥ दोहा ॥सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश।ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश॥करो कृपा करिवर वदन, जो सरशुती सहाय।चित्रगुप्त जस विमलयश, वंदन गुरूपद लाय॥ ॥ चौपाई ॥जय चित्रगुप्त…
||दोहा|| नीलवरण मा कालिका रहती सदा प्रचंड ।दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुस्त को दांड्ड़ ।।मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत ।मेरी भी बढ़ा हरो हो जो…
॥ दोहा ॥विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय । ॥ चौपाई ॥ नित्य आनंद करिणी माता, वर अरु अभय भाव प्रख्याता ।जय! सौंदर्य…
जय गोरख देवा,जय गोरख देवा ।कर कृपा मम ऊपर,नित्य करूँ सेवा ॥शीश जटा अति सुंदर,भाल चन्द्र सोहे ।कानन कुंडल झलकत,निरखत मन मोहे ॥जय गोरख देवा..गल सेली विच नाग सुशोभित,तन भस्मी…
ॐ जय खेतरपाल देवा, स्वामी जय खेतरपाल देवा।छिन-छिन भोग लगाऊँ, मोदक और मेवा ।।ॐ जय खेतरपाल देवा..तुम करूणा के सागर, तुम अंतरयामी ।दुःखीयन के दुःखहारी, तुम सबके स्वामी ।।ॐ जय…
पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मन्दिर शोभितम्।निकट गंगा बहत निर्मल,श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥शेष सुमिरन, करत निशदिन,धरत ध्यान महेश्वरम्।वेद ब्रह्मा करत स्तुति श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥इन्द्र चन्द्र कुबेर दिनकर, धूप दीप निवेदितम्।सिद्ध मुनिजन…