ब्रह्माचारिणी देवी आरती | Brahmacharini Devi Aarti

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।।जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता.. ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल…

Continue Readingब्रह्माचारिणी देवी आरती | Brahmacharini Devi Aarti

खाटूश्याम जी आरती | Khatushyam Ji Aarti

Read more about the article खाटूश्याम जी आरती | Khatushyam Ji Aarti
खाटूश्याम जी आरती | Khatushyam Ji Aarti

खाटूश्याम जी आरती | Khatushyam Ji Aarti ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे।निज भक्तन के तुमने, पूरन काम करे।हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ॥गल पुष्प…

Continue Readingखाटूश्याम जी आरती | Khatushyam Ji Aarti

राधारानी आरती | Radharani Aarti

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥ त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि ।पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥आरती श्री वृषभानुसुता की,…

Continue Readingराधारानी आरती | Radharani Aarti

शनिदेव आरती | Shanidev Aarti

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय जय श्री शनि देव…. श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥जय जय श्री शनि देव…. क्रीट…

Continue Readingशनिदेव आरती | Shanidev Aarti

नाग पंचमी व्रत कथा | Nag Panchami Vrat Katha

प्राचीन काल में एक साहूकार था जिनके सात पुत्र थे। सातों की शादी हो चुकी थी। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की थी, परंतु उसका कोई भाई नहीं…

Continue Readingनाग पंचमी व्रत कथा | Nag Panchami Vrat Katha

सूर्यदेव आरती | Suryadev Aarti

ॐ जय सूर्य भगवान। जय हो तिनकर भगवान ॥जगत के नेत्र स्वरूपा। तुम हो त्रिगुणा स्वरूपा।धरता सबही सब ध्यान ॥ॐ जय सूर्य भगवान … सारथी अरुण है प्रभु तुम। श्वेता…

Continue Readingसूर्यदेव आरती | Suryadev Aarti

श्री सत्यनारायण जी आरती | Shree Satyanarayan Ji Aarti

जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक-हरणा ॥जय लक्ष्मी…रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे ।नारद करत नीराजन, घंटा वन बाजे ॥जय लक्ष्मी…प्रकट भए कलिकारन, द्विज को दरस…

Continue Readingश्री सत्यनारायण जी आरती | Shree Satyanarayan Ji Aarti

श्रीनाथ जी आरती | Shreenath Ji Aarti

आरती श्रीनाथ जी की,मंगला करि,प्रभु मंगला करी,शंख वाज्ञा श्रीनाथ जी जाग्या,कटोरी धरी प्रभु जी कटोरी धरी,आरती श्रीनाथ जी की,मंगला करि,प्रभु मंगला करी। धनन धनन घंट बाजे, झालरों घणी,धनन धनन घंट…

Continue Readingश्रीनाथ जी आरती | Shreenath Ji Aarti

माँ शैलपुत्री आरती | Ma Shailputri Aarti

शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी॥ पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।ऋद्धि-सिद्धि परवान करे…

Continue Readingमाँ शैलपुत्री आरती | Ma Shailputri Aarti

सन्तोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता।अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।।जय सन्तोषी माता…. सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो।हीरा पन्ना दमके तन श्रृंगार लीन्हो ।।जय सन्तोषी माता….…

Continue Readingसन्तोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti

श्री गणेश स्तुति | Shree Ganesh Stuti

॥ श्लोक ॥ ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्,कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्।उमासुतम् शोक विनाश कारकम्,नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥ ॥ स्तुति ॥ गाइए गणपति जगवंदन।शंकर सुवन भवानी के नंदन।।गाइए गणपति जगवंदन…… सिद्धी सदन गजवदन विनायक।कृपा…

Continue Readingश्री गणेश स्तुति | Shree Ganesh Stuti

शिव स्तुति | Shiv Stuti

।। दोहा ।। श्री गिरिजापति वंदिकर, चरण मध्य शिरनाय ।कहत अयोध्यादास तुम, मोपर होहु सहाय ।। कवित्तनन्दी की सवारी नाग अंगीकार धारी नित,संत सुखकारी नीलकंठ त्रिपुरारी हैं ।गले मुण्डमाला धारी,…

Continue Readingशिव स्तुति | Shiv Stuti

महालक्ष्मी स्तु‍ति | Mahalakshmi Stuti

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।। सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।। विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।विद्यां…

Continue Readingमहालक्ष्मी स्तु‍ति | Mahalakshmi Stuti

तुलसी स्तुति | Tulsi Stuti

तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥ मनः प्रसादजननि सुखसौभाग्यदायिनि ।आधिव्याधिहरे देवि तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ यन्मूले सर्वतीर्थानि यन्मध्ये सर्वदेवताः ।यदग्रे सर्व वेदाश्च तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ अमृतां…

Continue Readingतुलसी स्तुति | Tulsi Stuti

श्री श्याम स्तुति | Shree Khatushyam Stuti

हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगायेदस आ गयो शरण में रखियो इसकी लाजधन्य ढूंढारो देश हे खाटू नगर सुजानअनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण।। श्याम श्याम…

Continue Readingश्री श्याम स्तुति | Shree Khatushyam Stuti

काल भैरव स्तुति | Kal Bhairav Stuti

यं यं यं यक्ष रुपं दशदिशिवदनं भूमिकम्पायमानं ।सं सं सं संहारमूर्ती शुभ मुकुट जटाशेखरम् चन्द्रबिम्बम् ।।दं दं दं दीर्घकायं विकृतनख मुखं चौर्ध्वरोयं करालं ।पं पं पं पापनाशं प्रणमत सततं भैरवं…

Continue Readingकाल भैरव स्तुति | Kal Bhairav Stuti

पार्वती जी स्तुति | Parwati Ji Stuti

जय जय गिरिबरराज किसोरी ।जय महेस मुख चंद चकोरी।।जय गजबदन षडानन माता।जगत जननि दामिनी दुति गाता।। नहिं तव आदि मध्य अवसाना।अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।।भव भव बिभव पराभव करिनि।बिस्व बिमोहनि…

Continue Readingपार्वती जी स्तुति | Parwati Ji Stuti

गुरु देव स्तुति | Guru Dev Stuti

अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् ।तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥1 अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया ।चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥2 गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।गुरुरेव परम्ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ स्थावरं…

Continue Readingगुरु देव स्तुति | Guru Dev Stuti

गंगा स्तुति | Ganga Stuti

जय जय भगीरथनन्दिनि, मुनि-चय चकोर-चन्दिनि,नर-नाग-बिबुध-बन्दिनि जय जह्नु बालिका ।बिस्नु-बिस्नुपद-सरोजजासि, ईस-सीसपर बिभासि,त्रिपथगासि, पुन्यरासि, पाप-छालिका ॥ बिमल बिपुल बहसि बारि, सीतल त्रयताप-हारि,भँवर बर बिभंगतर तरंग-मालिका ।पुरजन पूजोपहार, सोभित ससि धवलधार,भंजन भव-भार, भक्ति-कल्पथालिका…

Continue Readingगंगा स्तुति | Ganga Stuti

श्री भागवत स्तुति | Shree Bhagwat Stuti

श्रीमद् भागवत, जिसे भागवत पुराण भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महान पुराणों में से एक हैै भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा अत्यधिक पूजनीय है। इति मतिरूपकल्पिता वितृष्णा…

Continue Readingश्री भागवत स्तुति | Shree Bhagwat Stuti