परशुराम चालीसा | Parshuram Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि।सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि॥बुद्धिहीन जन जानिये, अवगुणों का भण्डार।बरणों परशुराम सुयश, निज मति के अनुसार॥ ॥ चौपाई…

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