रविवार व्रत आरती | Ravivar Vrat Aarti

कहुं लगि आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकी जोत विराजे।सात समुद्र जाके चरणनि बसे, कहा भये जल कुम्भ भरे हो राम। कोटि भानु जाके नख की शोभा, कहा भयो मन्दिर…

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नवग्रह चालीसा | Navgrah Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री गणपति ग़ुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय ,नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय जय,जय रवि शशि सोम बुध,जय गुरु भृगु शनि राज,जयति राहू अरु केतु ग्रह,करहु अनुग्रह आज !!…

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